हैदराबाद,18 अप्रैल ( पीआईबी), हैदराबाद सर्कल के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने विश्व विरासत दिवस के उपलक्ष्य में राज्य भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजन किया। याद रहे, हमारी विरासत के संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से विश्व विरासत दिवस 18 अप्रैल को दुनिया भर में प्रतिवर्ष मनाया जाता है। तेलंगाना के रामप्पा मंदिर काे हेरिटेज वॉक में पिछले साल यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।
अतिथि के रूप में मुलुगु जिला कलेक्टर श्री कृष्ण आदित्य, एएसआई वारंगल और एएसआई हैदराबाद सर्कल कार्यक्रम में उपस्थीत थे। रामप्पा मंदिर लगभग 800 साल पुराना है, जिसे रुद्रेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इसे काकतीय शासकों द्वारा बनाया गया था और संभवत: यह देश का एकमात्र मंदिर है जिसका नाम इसके मुख्य वास्तुकार रामप्पा के नाम पर रखा गया है।
तेलंगाना के पुरातत्व, संस्कृति और विरासत पर शैक्षणिक सत्र पोट्टीश्रीरामुलु तेलुगु विश्वविद्यालय में आयोजित किए गया। सुबह के सत्र की अध्यक्षता करते हुए एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद् डॉ. स्मिता एस कुमार ने कहा कि इन कार्यक्रमों के माध्यम से जन जागरूकता बढ़ाने से स्मारकों को भावी पीढ़ी के लिए संरक्षित करने के प्रयासों को मजबूती मिलेगी।
उद्घाटन भाषण के बाद प्रो. डॉ. एस जय किशन द्वारा पीटीएसयू के रजिस्ट्रार भट्टू रमेश ने डेक्कन तोपों - उपेक्षित सुंदरियों पर पेपर प्रस्तुत किया। शैक्षणिक सत्र में पीटीएसयू, निजाम कॉलेज, भवन कॉलेज, ओयू पुरातत्व विभाग के छात्रों ने भाग लिया। हैदराबाद के गितम विश्वविद्यालय परिसर में रामप्पा मंदिर पर एक फोटो प्रदर्शनी और तेलंगाना की संस्कृति और विरासत पर लघु फिल्मों की स्क्रीनिंग आयोजित की गई । पेरिस स्थित इंटरनेशनल काउंसिल ऑन मॉन्यूमेंट्स एंड साइट्स के प्रस्ताव के आधार पर यूनेस्को द्वारा 18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस या स्मारकों और स्थलों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में अपनाया गया। संस्कृति मंत्रालय के तहत एएसआई ने विश्व विरासत दिवस मनाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए । अवसर पर एएसआई ने अपने सभी ऐतिहासिक स्मारकों में प्रवेश निःशुल्क कर दिया है।