हैदराबाद, 22 जुलाई (प्रतिनीधी), तेलंगाना के कई हिस्सों में विगत 24 घंटे में हुई भारी बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। जबकी निर्मल शहर व जिले के दो अन्य स्थानों पर अत्यंत भारी बारिश (227.5 मिलीमीटर से अधिक) हुई है। निर्मल से गुजरनेवाले राजमार्ग 44 पर पाणी भरने से फसे यातायात के लिए राेक दिया गया। मार्ग पर शेकड़ाे वाहनाें की कतार लगी है। वहीं, निर्मल, निजामाबाद और आदिलाबाद जिलों के कई अन्य हिस्सों में बुधवार सुबह से बृहस्पतिवार सुबह तक भारी बारिश दर्ज की गई। ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम क्षेत्र में औसतन 17.7 बारिश दर्ज की गई। भारी बारिश के चलते राज्य में कई नदियां और जलाशय उफान पर हैं तथा निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं। श्री राम सागर परियोजना के ऊपरी क्षेत्र में भारी बारिश के चलते गोदावरी तटबंध इलाके में जलस्तर बढ़ रहा है और मुख्यमंत्री ने अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को युद्ध स्तर पर आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ने नदियों और झीलों में जलस्तर बढ़ने के बीच संबंधित क्षेत्रों में रह रहे लोगों से घरों से बाहर न निकलने तथा सतर्क रहने को कहा है। राव ने मंत्रियों और विधायकों को अपने-अपने जिलों में डेरा डालने का निर्देश भी दिया है। इस बीच, मुख्य सचिव सोमेश कुमार ने बारिश से प्रभावित 16 जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ टेलीकॉन्फ्रेंस की तथा स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे जान-माल की हानि को रोकने के लिए युद्धस्तर पर तत्काल राहत कदम उठाएं। मौसम विभाग ने एक विज्ञप्ति में कहा कि उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी और इसके आसपास के क्षेत्रों के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र लगातार बना हुआ है। इसने कहा कि अगले पांच दिनों में विभिन्न जिलों में भारी से भारी और अत्यंत भारी बारिश की संभावना है। निर्मल जिले में औसत वर्षा 146 मिमी है। नरसापुर (जी) मंडल ने सबसे अधिक 245 मिमी बारिश दर्ज की, इसके बाद कुंटाला मंडल में 211 मिमी, मुधोल, भैंसा, लोकेश्वरम, सारंगपुर, तनूर, निर्मल, लक्ष्मणचंदा, निर्मल ग्रामीण, मामाडा मंडलों में 110 से 180 मिमी के बीच बारिश हुई।
क्षेत्रों में भारी वर्षा के बाद कदम नारायण रेड्डी परियोजना में 1.96 लाख क्यूसेक पानी का प्रवाह हुआ। जल संग्रहण स्तर 7.600 टीएमसी की सकल भंडारण क्षमता के मुकाबले 6.671 टीएमसी तक पहुंच गया। 1.49 लाख क्यूसेक अतिरिक्त पानी को डाउनस्ट्रीम में छोड़ने के लिए कुल 13 क्रेस्ट फाटकों को उठाया गया । सिंचाई अधिकारियों ने किसानों को आगाह किया कि वे नीचे की ओर न जाएं। सारंगपुर में स्वर्ण परियोजना ने 69,500 क्यूसेक का प्रवाह दर्ज किया, जिसके परिणामस्वरूप जल भंडारण इसकी कुल भंडारण क्षमता 1.484 टीएमसी को छू गया। भैंसा मंडल में गद्दीनवागु परियोजना में 38,500 क्यूसेक का प्रवाह है। इसके परिणामस्वरूप, जल संग्रहण 1.852 टीएमसी की सकल भंडारण क्षमता के मुकाबले 1.671 टीएमसी तक पहुंच गया।