चार दिनों में पुलिस ने हत्याकांड का मामला सुलझाया ज्ञानेश्वर हत्याकांड, चार लोग गिरफ्तार - विष्णु एस. वारियर

आदिलाबाद, 11 नवंबर  इच्चोड़ा के गोल्डन लीफ स्कूल परिसर में सिरिकोंडा मंडल के पोन्ना ग्राम निवासी किसान बगनूरे ज्ञानेश्वर की गत शुक्रवार, 6 नवंबर हत्या कर दी गई थी। आरोपियों ने हत्या की इस घटना को पूरी योजना बनाकर अंजाम दिया। यह जानकारी जिला पुलिस अधीक्षक विष्णु एस. वारियर ने आदिलाबाद में दी। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पोन्ना ग्राम निवासी किसान बगनूरे ज्ञानेश्वर की पुरानी रंजिश के चलते उसी ग्राम में रह रहे लोगों ने ही योजना बनाकर हत्या कर दी। शिन्दे अच्युत (29), शिन्दे गोविंद राव तथा शिन्दे रामकिशन (47) के साथ पिछले कुछ दिनों से ज्ञानेश्वर का किसी बात को लेकर विवाद चल रहा था। इसी परिप्रेक्ष्य में तीनों ने ज्ञानेश्वर की हत्या करने की योजना बनाई। इच्चोड़ा शहर के मी-सेवा केंद्र के मालिक जाधव श्रीनिवास (28) के साथ मिलकर तीनों ने हत्या की योजना बनाई। जाधव श्रीनिवास की पहले से ही ज्ञानेश्वर के साथ पुरानी रंजिश थी, इसी कारण वहआरोपियों से 10 लाख रुपये लेकर उसकी हत्या करने के लिए राज़ी हो गया। इसके लिए उसने अग्रिम रूप से फोन-पे के जरिए 90 हज़ार रुपये लिए। उपरांत योजना बनाकर शुक्रवार को सुबह मुख्य आरोपी जाधव श्रीनिवास ने फोन कर ज्ञानेश्वर को इच्चोड़ा आने को कहा। उसके इच्चोड़ा पहुँचने के बाद दोनों ने शराब पी। तत्पश्चात ढाबा होटल से भोजन मंगाकर खाया। शाम 5 बजे तक दोनों वहीं रुके रहे। तत्पश्चात आदिलाबाद के लिए रवाना हो गए। मार्ग में कहीं पर भी उसकी हत्या करने का मौका नहीं मिलने के कारण वह वापस रात को ही इच्चोड़ा आ गए और बीयर की 8 बोतलें खरीदकर निर्माणाधीन गोल्डन लीफ स्कूल परिसर में जाकर बीयर पीने लगे। इसी बीच किसी बात को लेकर दोनों के बीच बहस हुई।



ज्ञानेश्वर की कोई संतान न होने के कारण श्रीनिवास ने उसे किन्नर कह कर संबोधित किया। गुस्से में ज्ञानेश्वर ने भी श्रीनिवास की पत्नी के बारे में अपमानजनक बातें कहीं। गुस्से में जाधव श्रीनिवास ने लोहे की छड़ से ज्ञानेश्वर के सिर पर वार कर दिया, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। हत्या करने के बाद उसने फोन पर तीनों आरोपियों को बुलाया। तीनों आरोपियों ने घटनास्थल पर पहुँच कर शव को महाराष्ट्र के किनवट -मांडवी  पिप्पल गाँव के घाट सेक्शन में ले जाकर 50 फीट गहरी खाई में फेंक दिया । श्रीनिवास अपने साथ लाए किराए की कार (टीएस 01 ईएम 0459) से श्रीनिवास निज़ामाबाद शहर चला गया। वहाँ उसने कार की सर्विसिंग करवाई और नए कपड़े खरीदकर पहन लिए। अगले दिन शाम 5 बजे वह इच्चोड़ा पहुँच गया। 8 नवंबर को ज्ञानेश्वर के परिजनों ने उसके लापता होने की शिकायत पुलिस थाने में दर्ज करवाई। तत्पश्चात उटनूर के डीएसपी एन. उदय रेड्डी, इच्चोड़ा के सीआई रवीन्दर के नेतृत्व में पुलिस दल द्वारा मामले की गहराई से जाँच करने पर वास्तविकता का पता चला। पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिस द्वारा की जा रही जाँच में आधुनिक तकनीक का उपयोग किए जाने के कारण अपराधियों का बच निकलना संभव नहीं है। पिछले चार दिनों के दौरान हत्या की जाँच कर गुत्थी सुलझाने वाले उटनूर के डीएसपी एन. उदय रेड्डी, सीआई रवीन्दर, एसआई सूर्यप्रकाश कृष्ण कुमार तथा फरीद की उन्होंने प्रशंसा की।