नई दिल्ली 8 अक्टूबर भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस के
राष्ट्रीय अध्यक्ष अंबाती कृष्ण मूर्ति ने बीजेपी के शासन में भारत में श्रम
कानूनों के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की है, सत्तारूढ़ पार्टी ने बिना किसी
समर्थन के श्रम कानूनों को पूरी तरह से सर्वनाश कर दिया है। लक्ष्मी नगर में आयााेजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कृष्ण मूर्ति ने आरोप लगाया कि, भारत सरकार प्रमुख उद्योगों को अपने पक्ष में झुकाती है और श्रमिक वर्ग, प्रमुख श्रम कानून, न्यूनतम मजदूरी अधिनियम1936 समान नवीकर अधिनियम,
1976 सहित प्रमुख श्रम कानूनों को समाप्त कर दिया है।
प्रोविडेंट फंड 1952,बोनस एक्ट 1965, ग्रेच्युटी एक्ट 1972, उपरोक्त सभी श्रम कानूनों का उल्लंघन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि, हाल ही में संसद ने किसान विधेयक को पारित किया है, यह पूरी तरह से भारतीय किसानों के खिलाफ है। हर कोई देख रहा है कि किसान सड़कों पर कैसे आ रहे हैं और किसान बिल का विरोध कर रहे हैं। यह पूरी तरह से बड़े उद्योगपति के अनुकूल है। अब श्रमिकों को अपने अधिकारों को बचाने का एहसास हो गया है, श्रम की स्थिति 70 साल से अधिक हो गई है और यह ट्रेड यूनियन का कर्तव्य है कि वे एकजुट हो जाए और अपने अधिकार को बचाने के लिए आवाज़ उठाए । अवसर पर राष्ट्रीय महासचिव सुभाष चंदर ठाकुर ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया-