तेलंगाना में 2.78 लाख प्रवासी मजदूरों ने कराया पंजीकरण
हैदराबाद, 8 मई- राज्य सरकार के मुख्य सचिव सोमेश कुमार ने बताया कि अब तक 2.78 लाख प्रवासी मजदूरों ने अपने पैतृक राज्यों को जाने के लिए नामों का पंजीकरण करवाया है। इनमें उत्तर प्रदेश के 67 हज़ार, बिहार के 66 हज़ार, पश्चिम बंगाल के 45 हज़ार, ओडिशा के 34 हज़ार और झारखण्ड के 29 हज़ार प्रवासी मजूदर शामिल हैं। फिलहाल नामों के पंजीकरण की प्रक्रिया जोर-शोर से जारी है। तेलंगाना से प्रवासी मजदूरों की सुविधा के लिए अब तक उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश,झारखण्ड आदि राज्यों के लिए अलगअलग दिनों में 13 विशेष रेलगाड़ियों का संचालन किया गया। इन रेलगाड़ियों में कुल 15 हज़ार से अधिक प्रवासी मजदूरों को उनके पैतृक राज्यों को भेज दिया गया है।
इन 13 रेलगाड़ियों का संचालन करने के लिए राज्य सरकार ने रेलवे को 1.65 करोड़ रुपये का भुगतान किया। सोमेश कुमार ने आगे बताया कि प्रवासी मजदूरों को उनके राज्यों को भेजने के लिए राज्य सरकार ने प्रतिदिन 40 विशेष रेलगाड़ियों का संचालन करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में संबंधित राज्य सरकारों से भी संपर्क किया गया। इन राज्य सरकारों ने कहा कि तेलंगाना से आने वाले लिए उनके राज्यों में व्यवस्था स्थापित करने केसमय की जरूरत है। इसी कारण तेलंगाना से कम संख्या में रेलगाड़ियाँ रवाना की गयीं। उन्होंने बताया कि यहाँ से प्रवासी मजदूरों को उनके राज्यों को भेजने के दौरान खाना, पेजयल, मास्क आदि सभी जरूरी सामान उपलब्ध कराये गये। ज्ञातव्य है कि सीएस ने पहले ही प्रवासी मजदूरों को उनके पैतृक राज्यों को भेजने के लिए मध्य प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, झारखण्ड, बिहार, राजस्थान राज्य सरकारों को पत्र लिखा है। कुछ राज्यों से जवाब आया और कुछ राज्यों से अभी तक जवाब नहीं मिला है। संबंधित राज्य सरकारों की सहमति के बिना प्रवासी मजदूरों के लिए रेलवे अधिकारी विशेष रेलगाड़ियों का आवंटन नहीं कर सकते हैं। सीएस ने आगे कहा कि प्रवासी मजदूरों को इस बात को समझना चाहिए कि उन्हें भेजने के लिए उनकी राज्य सरकारों की सहमति अनिवार्य है। इसके बाद रेलवे द्वारा विशेष रेलगाड़ियों का आवंटन किया जाएगा। प्रवासी मजदूरों को तब तक के लिए अपने काम पर लौटने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि रेलगाड़ियों की व्यवस्था होते ही जानकारी दे दी जाएगी और मजदूरों को उनके राज्यों के लिए रवाना कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि नामों का पंजीकरण करवाने वाले प्रवासी मजदूरों में से जिनका नाम कम्प्यूटर लॉटरी पद्धति द्वारा निकलेगा, उन्हें पहले घर जाने का मौका मिलेगा।