हैदराबाद 9 मई, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने प्लाज्मा थेरेपी को मंजूरी देते कहा कि, इसे क्लिनिकल परीक्षण के तौर पर गांधी अस्पताल के डॉक्टर कोरोना वायरस का इलाज कर सकेगे । शनिवार को 36 दानदाता का प्लाज्मा एकत्र किया गया है। बताया जा रहा है कि जिन मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी की जरूरत होगी, सोमवार से उनका उपचार शुरू किया जाएगा। वहीं डॉक्टरों को उम्मीद है कि आपातकालीन स्थिति में कोरोना पीड़ितों के लिए एक दवा के रूप में प्लाज्मा थेरेपी उपयोगी हो सकती है। गांधी अस्पताल के डॉक्टरों ने आईसीएमआर से इसके लिए परमिट मांगी थी, जो अब उन्हें मिल चुकी है। गांधी अस्पताल के साथ ही ईएसआई मेडिकल कॉलेज, अपोलो गच्चीबावली और एआईजी गच्चीबावली को भी प्लाज्मा थेरेपी के लिए मंजूरी दी गई है। हालांकि आईसीएमआर ने यह निर्धारित किया है कि प्लाज्मा थेरेपी उपचार केवल डॉक्टरों की इच्छा पर नहीं बल्कि आईसीएमआर द्वारा चयनित रोगियों पर ही किया जाना चाहिए। अब यह भी स्पष्ट है कि इन्हें नैदानिक परीक्षणों का हिस्सा माना जाना चाहिए। तेलंगाना में गुरुवार तक 1122 पॉजिटिव मामले दर्ज किए गए, जब की 29 मौत चुके हैं। 693 उपचार के बाद ठीक होकर डिस्चार्ज हो गए। लगभग 400 कोरोना पीड़ितो पर गांधी अस्पताल में उपचार चल रहा हैं। जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं, मरीजों को बचाने के लिए ही प्लाज्मा थेरेपी एकमात्र उपाय है। अमेरिका सहित कई देशों में इस तरह का उपचार पहले से ही किया जा रहा है। गांधी अस्पताल में कोविड रोगियों का इलाज करने वाले पांच डॉक्टरों के साथ एक समिति का गठन किया गया ।
गांधी अस्पताल में कोरोना वायरस का इलाज करवाकर, डिस्चार्ज हो चुके 36 रक्तदाता अपने प्लाज्मा दान करने के लिए आगे आए हैं। रक्त से प्लाज्मा को गांधी अस्पताल के ब्लड बैंक में एक विशेष मिशन की मदद से संग्रहीत किया। एकत्र प्लाज्मा को प्रति मरीज 200 एमएल की दर से दो मरीजों तक पहुंचाया जाएगा।
रोगी के रक्त समूह के आधार पर उन्हें प्लाज्मा दिया जाएगा। इससे इम्युनिटी बढ़ती है और पीड़ितों के जल्दी ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है। डॉक्टरों ने गांधी अस्पताल में वर्तमान में ऑक्सीजन और डायलिसिस पर रोगियों को इस प्रकार का उपचार प्रदान करने का निर्णय लिया है। पीड़ितों का विवरण भी आईसीएमआर को भेज दिया गया है। अस्पताल के सूत्रों ने घोषणा की है कि आईसीएमआर के निर्देशों के अनुसार उनका इलाज किया जाएगा।