कोरोना वायरस- तेलंगाना में कोरोना वायरस से मारे गये व्यक्ति के अंतिम संस्कार के नियम


  • तेलंगाना में कोरोना वायरस से मारे गये व्यक्ति

  • के अंतिम संस्कार के ये हैं नियम 





हैदराबाद : कोरोना वायरस से मौत हो चुके व्यक्ति के शव का साधारण पद्धति से अंतिम संस्कार करना असंभव है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र और राज्य सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार नगर पालिका और नगर निगम ने आदेश जारी किया है। क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमित होने से लेकर क्वारंटाइन रहने के दौरान या इलाज के दौरान किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो आइसोलेशन से लेकर श्मशान वाटिका तक कुछ एहतियात बरतनें की जरूरत है। आदेश के अनुसार, आइसोलेशन वार्ड, मर्चुरी, एंबुलेंस और श्मशान वाटिका में काम करने वाले लोगों को कुछ विशेष प्रशिक्षण देने की जरूरत है। डॉक्टर्स और नर्सों को वायरस रोग नियंत्रित करने के नियमों का पालन करना चाहिए। हाथों को साफ रखने के साथ-साथ निजी सुरक्षा की चीजों (पीपीई) का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके लिए आप्रान, ग्लौज, मास्क और चश्मा का जरूर इस्तेमाल किया जाना जरूरी हैं। शव के साथ रोगी द्वारा इस्तेमाल किये गये टावल और अन्य चीजों को एक फीसदी हाईपोक्लोराइट पदार्थ से साफ करना होगा। बॉयोमेडिकल वेस्ट नियम का पालन करना चाहिए। शव का पोस्टमार्टम नहीं किया जाना चाहिए। विशेष हालत में ही शव का पोस्टमार्टम किया जा सकता है। इसके लिए विशेष नियमों का पालन करना होगा।



शव को पूफ पाल्टिक बैग में रखा जाना चाहिए। बैग के अंदर के हिस्से को एक फीसदी हाईपोक्लोराइट पदार्थ से साफ किया जाना चाहिए। शव के बैग को मर्चुरी सीट या परिवार द्वारा लाये गये सीट में बांधकर सौंप देना चाहिए। श्मशान वाटिका को ले जाने वाले वाहन को भी एक फीसदी सोडियम हाईपोक्लोराइट पदार्थ से साफ करना चाहिए। श्मशान वाटिक में विशेष रूप से एहतियात बरतनी चाहिए। चेहरे के पास बॉडी बैग जिप को खोलकर परिजनों को आखिर बार चेहरा दिखने की अनुमति दी जा सकती है। बिना शरीर को हाथ लगाये परंपरा के अनुसार कर्मकांड किया जा सकता है। शव का स्नान करना, पकड़कर रोना या चुंबन लेना प्रतिबंधित हैं।अंतिम संस्कार के बाद श्मशान वाटिका कर्मी के साथ सभी लोग हाथ और पांव को साफ धो लेना होगा। आखिर कर्मकांड के लिए शव के राख को ले जा सकते हैं। इस दौरान सोशल डिस्टेंस का पालन करना जरूरी है। परिवार के भावनाओं को देखते हुए एहतियात बरतने वाली पद्धतियों के बारे में उन्हें समझाना और जागरूक करना आवश्यक है। इसके अलावा शव को आइसोलेशन वार्ड से निकालने से पहले यदि परिजन शव को देखना चाहते हैं तो आवश्यक नियमों का पालन करना चाहिए। जीएचएमसी परिधि में इसके लिए एक आठ सदस्यीय समिति गठित की गई है।