नांदेड : जिले के धर्माबाद तहसील में बाभली बांध के गेट 1 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर त्रिसदस्यीय समिति की उपस्थिति में खोले गये। बांध के चार गेट सुबह 11 बजे खोले गये और दोपहर 1 बजे बंद कर दिये गये। उद्घाटन के दिनों में सूखे रहनेवाले बांध में बीते साल हुई बेमौसम बारिश से अक्टूबर में जलजमाव हुआ। राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना महाराष्ट्र और तेलंगाना के सीमावर्ती क्षेत्र में बना बाभली बांध के निर्माण का विवाद जारी था। मामला सुप्रीम कोर्ट में वर्ष 2013 के 28 फरवरी को पेश किया गया, जिसकी सुनवाई हुई और 1 जुलाई को जिले के बाभली बांध के गेट खोलकर पानी छोडा गया था और 29 अक्टूबर को दरवाजे बंद कर दिये गये थे।फैसले में कहा गया था कि बांध में उपलब्ध जलजमाव का 0.6 टीएमसी पानी 1 मार्च को तेलंगाना के लिए छोड़ा गया।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर रविवार, 1 मार्च को 0.6 टीएमसी पानी छोडा गया। वर्तमान में बांध में 1.19 जलजमाव यानी 33.70 क्यूसेक जलजमाव है। 0.6 टीएमसी पानी तेलंगाना के लिए छोड़ने के बाद बांध में 0.56 जलजमाव है। आपको बता दें कि बाभली बांध के उद्घाटन के बाद बीते छह साल में पहली बार बांध में 2.74 टीएमसी जलजमाव हुआ। बीते 29 अक्टूबर को बांध के दरवाजे बंद कर दिये गये थे।