दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार की दलील निर्भया के दोषी कानून का कर रहे दुरुपयोग

नई दिल्ली, 2 फरवरी (एजेंसियां)। निर्भया के दोषियों की फांसी पर रोक के खिलाफ याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। गृह मंत्रालय की अर्जी पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई की जा रही है। इस मामले की सुनवाई न्यायाधीश सुरेश कैत ने की। केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हाईकोर्ट में पक्ष रखा। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हाईकोर्ट से कहा कि दोषी कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं। तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि अगर ट्रायल कोर्ट का आदेश बरकरार रहता है, तो दोषी पवन या तो क्यूरेटिव पिटिशन दायर कर सकता है या फिर दया याचिका। दूसरों को फांसी नहीं होगी। दोषी पवन जानबूझकर क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल नहीं कर रहा है। निर्भया के गुनहगारों की फांसी में ना करें देरी केंद्र ने निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में चार दोषियों को डीसीपी फांसी की सजा में अनिश्चितकालीन । रोक को 'कानूनी प्रक्रिया में रोक लगाने वाला जानबूझकर, काम' बताया। सरकार ने मांग करते हुए कहा कि फांसी में बिल्कुल देरी नहीं होनी चाहिए। केंद्र की बताई गई है। अब सरकार को इस पर तरफ से महाअधिवक्ता तुषार मेहता ने सप्ताहांत में विशेष कोर्ट सुनवाई के दौरान न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत से कहा कि समाज और पीड़िता के हित में इस मामले में कोई देरी नहीं होनी चाहिए। गृह मंत्रालय की याचिका पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट का भी कहना है कि इससे दोषी पर अमानवीय प्रभाव पड़ेगा इसलिए इसमें कोई देरी नहीं होनी चाहिए। महाधिवक्ता ने कोर्ट में एक चार्ट भी पेश किया, जिसमें चारों दोषियों द्वारा अभी तक अपनाए गए कानूनी उपायों की विस्तृत जानकारी थी। कोर्ट दिसम्बर 2012 में मेडिकल की छात्रा के दुष्कर्म और हत्या के दोषियोंविनय, अक्षय, मुकेश और पवन की फांसी पर रोक लगाने वाले सत्र न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली गृह मंत्रालय की याचिका पर सुनवाई कर रहा थी।